Home Remedies – Aayuttam – Ayurvedic Clinic https://aayuttam.com Fri, 07 Jun 2024 04:53:07 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://aayuttam.com/wp-content/uploads/2024/04/cropped-favicon-op-32x32.webp Home Remedies – Aayuttam – Ayurvedic Clinic https://aayuttam.com 32 32 बवासीर का खून तुरंत रुकाए – प्याज (घरेलू नुस्का – 07) Blog – 50 https://aayuttam.com/blog/%e0%a4%ac%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%96%e0%a5%82%e0%a4%a8-%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%82%e0%a4%a4-%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%8f/ Fri, 07 Jun 2024 04:53:07 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=3791 आज का हमारा विषय है – बवासीर

बवासीर यह बहुत ही वेदनायुक्त और तकलीफ देने वाली बीमारी है| क्योंकि हर वक्त उठते बैठते यह बीमारी बहुत परेशानी देती है और अगर बवासीर से खून गिरने लगे तो दर्द और परेशानी के साथ कमजोरी और टेंशन भी बढ़ने लगता है|

बवासीर किन लोगों में ज्यादा होता है?

जो लोग ज्यादा तीखा , ज्यादा मांसाहार खाते है और जिनको मलबद्धता की तकलीफ होती हैं उनमे बवासीर ज्यादा पाया जाता है|

इस बवासीर की बीमारी से कैसे बचे?

१)मलबद्धता मत होने दिजिए।
२) गर्मी के लिए बताए गए आरोग्य मंत्र का पालन करें|

आरोग्य मंत्र की वीडियो लिंक हमने नीचे डिस्क्रिप्शन में बताई है वह जरूर देखें|

गर्मी का आरोग्यमंत्र है

सफेद, मीठे, पानीयुक्त, नारियल युक्त और उबाले हुए पदार्थ खाए।

  • सफेद पदार्थो का सेवन ज्यादा करें जैसे दूध और दूध के पदार्थ विशेष रूप से घी और मक्खन , चावल, नारियल|
  • सफेद फल जैसे अमरूद, सेब, केला, सीताफल रोज खाइए|
  • और तीखे और तले हुए पदार्थ बहुत कम मात्रा में खाइए|

अगर बवासीर से खून गिरने लगे तो क्या करें?

गर्मी में अगर हम कच्ची हरी मिर्च का सेवन करेंगे जैसे चटनी, पाणी पूरी आदि में तो बवासीर से खून गिरने लगता है |

  • इस खून को तुरंत रुकाने के लिए प्याज छिलके के साथ गैस पर सेके और छिलका निकाल कर उसका सेवन करें|
  • या प्याज को दही के साथ मिलाकर उसका सेवन करें।
  • और हरी मिर्च, अदरक, लहसुन , काली मिरी बिल्कुल मत खाए।

बवासीर होने पर हमे क्या परहेज करने चाहिए ?

  • हरी मिर्च और तीखे पदार्थ,अदरक, लहसुन , काली मिरी मत खाए ।
  • हर रोज खाने में ज्यादा मात्रा में छाछ का सेवन करें।
  • सुबह और शाम त्रिफला का चूर्ण या त्रिफला की गोली का सेवन करे।
  • हफ्ते में २-३ बार जिमीकंद (सूरन) की सब्जी बना कर खाएं। सूरन बावासीर हटाने में बहुत अच्छा काम करता है|

सूरन की सब्जी बनाते वक्त पहले सूरन को एक घंटा छाछ में भिगोकर फिर गरम पानी सेअच्छे से धो दें। इससे सूरन में जो क्षार होते है वह निकल जाते है| सूरन को ऐसे नहीं पकाया तो उससे गले में खराश, पथरी ,संधिवात जैसी बीमारिया होने की संभावना बढ़ जाती है|

अगर आपको बवासीर के साथ मलबद्धता हो तो खाने से पहले गरम पानी या गरम दूध में एक चम्मच घी या बादाम का तेल मिलाकर उसका सेवन करें। इससे पेट अच्छे से साफ होता है, बवासीर की जगह की जलन कम होती है और उधर की त्वचा में आया हुआ रूखापन कम होता है|

इस तरह परहेज और घरेलू नुस्को से आपको बवासीर में काफी राहत मिल जाएगी। लेकिन बवासीर को जड़ से मिटाने के लिए आप वैद्य और डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिये| पंचकर्म के क्षारसूत्र कर्म से बवासीर जड से निकलता है ।

यह घरेलू नुस्का आपको कैसा लगा जरूर बताइए और ऐसे घरेलू नुस्को के लिए हमारे साथ बने रहिए|
Stay healthy, Stay blessed.

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Immunity Booster for October – Coconut (Part 2) (Home Remedy No. 07) Blog – 46 https://aayuttam.com/blog/mmunity-booster-for-october-coconut-part-2-home-remedy-no-07-blog-44/ Fri, 03 May 2024 09:11:43 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=3672 n our previous blog post titled “October Immunity Booster: Coconut (Part 1),” we discussed how coconut grows in “Aakash Mahabhuts,” or space, and therefore contains a higher concentration of “Aakash Mahabhut” elements. This makes it particularly effective in treating body parts that are predominantly composed of “Aakash Mahabhut,” namely the head, ear, intestines, and bladder.

In this blog post, we will explore the specific benefits of coconut for the intestines and bladder. Coconut is white in color and rich in fiber and water, which helps balance Pittah and water levels in the body.

During the warm October months, it is recommended to consume coconut in three forms:

  1. Grated Coconut
  2. Coconut Water
  3. Coconut Milk

Ayurveda recommends against consuming raw fruits.

Therefore, Ayurveda does not advise drinking coconut water from unripe coconuts, which are commonly sold on the streets.

In October, it is advisable to consume coconut water from ripe coconuts daily. It contains a balanced composition of electrolytes, which helps maintain water and electrolyte equilibrium in the body, promoting overall health.

Coconut milk possesses cooling properties and helps balance Pitta in the body. Incorporating coconut milk into various recipes, such as Solkadhi and curries, is beneficial for maintaining health.

I would like to share some valuable information regarding combating the intense heat of October. As experts in the field, we recognize the importance of maintaining optimal health during this challenging season.

One effective strategy involves incorporating coconut into our daily diet in various forms.

In the morning, on an empty stomach, it is recommended to consume grated coconut with raisins and sugar. This combination provides essential nutrients and energy to kick-start the day.

Additionally, drinking coconut water and coconut milk from ripe coconuts on a regular basis can help replenish electrolytes and maintain hydration.

It is noteworthy that in the Hindu tradition, Lord Ganesha is often depicted consuming Modaks, a sweet delicacy made primarily from coconut. This culinary practice holds significance as coconut is considered an immunity booster during the month of October.

Therefore, I strongly encourage everyone to embrace coconut as a daily dietary supplement to enhance overall well-being and resilience during this season.

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अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर – नारियल एक सर्वगुण संपन्न फल – भाग २(घरेलू नुस्का नं- 7) Blog- 44 https://aayuttam.com/blog/%e0%a4%85%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%82%e0%a4%ac%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%87%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%82%e0%a4%b8/ Fri, 19 Apr 2024 11:29:32 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=3596 अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर – नारियल भाग-१ इस ब्लॉग मे हमने जाना की नारियल आकाश मे उत्पन्न होता है| इसलिए उसमे आकाश तत्व की अधिकता होती है । और इसी कारन नारियल शरीर के आकाशतत्व वाले अवयव जैसे सिर, कान, पेट इनपर अच्छा काम करता है|

पिछले ब्लॉग मे हमने जाना की नारियल सिर और कान पर कैसे गुणकारी है और आज के ब्लॉग मे हम जानेंगे की नारियल ये पेट के लिए कैसे गुणकारी है|

नारियल सफ़ेद रंग का पानियुक्त और फाइबरयुक्त होता है| इसलिए वह शरीर मे पित्त और पानी के अंश को संतुलित रखता है |

इसलिए अक्तूबर मे नारियल का ३ तरह से सेवन करना चाहिए |

  • अख्खा नारियल
  • नारियल का पानी
  • नारियल का दूध

1. अख्खा नारियल –अक्खे नारियल को पीसकर हर रोज खाने मे इस्तमाल करना चाहिए| क्यूकी नारियल मे फाइबर का प्रमाण अच्छे अंश मे होता है|पिसा हुआ नारियल हम खाने मे इस्तमाल करेंगे तो हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड आदि (cholesterol, Triglyceride) नही बढेगे|

लेकिन नारियल का तेल निकाल कर उस तेल को हम आहार मे सेवन करेंगे तो वह शरीर में खून मे जमने लगेगा और फिर हमे कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड(Cholesterol, Triglyceride) ऐसी अलग अलग बीमारीयां होने लगती है|

इसलिए अक्तूबर के गर्मी मे हमे खाने मे रोज पिसे हुए नारियल का सेवन करना चाहिए| इससे पचन अच्छा रहता है ,पेट साफ रहता है और कोलेस्ट्रॉल भी नही बढता|

2 . नारियल का पानी – अक्तूबर मे गर्मी और पसीने की वजह से शरीर मे पानी का अंश कम / असंतुलित हो जाता है|इसलिए हमे सिरदर्द, जुलाब, पिशाब मे जलन ,माइग्रेन जैसी बीमारियां होने लगती है| यह बीमारियां न हो या फिर यह बीमारिया होने पर आयुर्वेद मे बताया है की पके हुए नारियल के पानी का सेवन करना चाहिए|

आयुर्वेद के अनुसार कौनसा भी कच्चा फल नही खाना चाहिए|

इसलिए कच्चा नारियल जिसको हम शहाळ बोलते है उसका पानी हजम करने के लिए बहुत भारी होता है|इसलिए आयुर्वेद के नुसार शहाळ याने कच्चे नारियल का पानी नही पीना चाहिए|

पके हुए नारियल मे इलेक्ट्रोलाइट बहुत अच्छी मात्रा मे होते है| इसलिए अगर हम पके हुए नारियल के पानी का सेवन करते है तो गर्मी मे शरीर का पानी और इलेक्ट्रोलाइट संतुलित रहता है और हम बीमार नही पड़ते |

3. नारियल का दूध नारियल का दूध शीत और पित्तशामक होता है| इसलिए हर रोज के अलग अलग खाने के रेसेपी मे नारियल के दूध का करी, सोलकढी ऐसे विविध तरीके से इस्तमाल करना चाहिए |

इस तरह अक्तूबर की गर्मी से बचने के लिए नारियल का हमे विविध तरह से उपयोग करना चाहिए|

  • रोज सुबह खाली पेट नारियल, किशमिश और शक्कर खानी चाहिए|
  • नारियल का दूध नारियल का दूध और नारियल के पानी का सेवन करना चाहिए |और वैसे भी गणपती मे बताया ही है की मोदक खाओ क्यूंकि वह भी नारियल से बनते है

इस प्रकार से अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर नारियल रोज खाओ और निरोगी रहो|

Stay Healthy Stay Blessed

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“अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर – नारियल| एक सर्वगुण संपन्न फल”- भाग -१ .(घरेलू नुस्का नंबर – ०६) BLOG – 43 https://aayuttam.com/blog/%e0%a4%85%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%82%e0%a4%ac%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%87%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%82/ Fri, 12 Apr 2024 06:46:29 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=3535

पिछले आरोग्य मंत्र ब्लॉग – ०८ मे हमने जाना की “ऋतुचर्या याने ऋतु के नुसार आहार विहार मे बदलाव करने से हमारी प्रतिकार शक्ति अच्छी रहती है|

अभी अक्टूबर की गरमी आ रही है| आयुर्वेद मे इस ऋतु को शरद ऋतु कहते है| शरद ऋतु मे आहार विहार क्या बदलाव करे ये हमे नारली पौर्णिमा मे ही बताए है याने “नारियल खाओ और निरोगी रहो |”

आज का घरेलू नुस्का नंबर – ०६ है

“अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर है – नारियल- एक सर्वगुण संपन्न फल|”

नारियल को हिंदू संस्कृति मे अनन्यसाधारण महत्व है| इसे श्रीफल कहते है| क्यूकी इसे भगवान को अर्पण करते है और हर एक शुभ कार्य की शुरुवात नारियल से की जाती है| नारियल का धार्मिक और आध्यत्मिक महत्व हम बाद मे जानेंगे|

लेकिन आज २ सितंबर को जागतिक नारियल दिन मनाया जाता है| इस अवसर पर हम नारियल का आरोग्य के दृष्टि से महत्व जरूर जानेंगे |

“निसर्ग पंचमहाभूतो से बना है – पृथ्वी, पानी, तेज, वायु, आकाश|” निसर्ग मे नारियल आकाश मे उत्पन्न होता है इसलिए नारियल का तेल आकाश के याने सफेद रंग का होता है| और जो तेलबीज जमीन मे आते है जैसे तील का तेल,सरसों का तेल वह भूमी के पीत रंग के होते है|

कितना सुन्दर है ना निसर्ग |

नारियल शीत और सफ़ेद रंग का होता है, इसलिए वह पित्त कम करता है| आयुर्वेद नुसार अक्टूबर मे निसर्ग मे गर्मी और शरीर मे पित्त बढ़ता है| इसलिए अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर है नारियल| तो अब जानते है किस तरह से नारियल का सेवन करने से हम निरोगी रहेंगे|

हमने अभी जाना नारियल आकश मे उत्पन्न होता है| इसलिए इसमे आकाशतत्व की अधिकता होती है| इसलिए वह शरीर के आकाशतत्व वाले अवयवोपे अच्छा काम करता है | कौनसे है यह अवयव ? यह है – सिर, कान और पेट|

१ . सिर

आपने कभी देखा है नारियल और हमारे सिर मे काफी समानता है |

इसके बाल हमारे बाल, इसका कवच हमारा कवच याने Skull और इसके अंदर जो नारियल है वो हमारे मेंदू के समान है | इसके अंदर जो पानी होता है वो CSF याने सिर मे जो पानी होता है उसके समान होता है | इसलिए नारियल सिर के सब तरह के व्याधि मे बहुत अच्छा काम करता है और इन सब अवयव को पोषण देता है |

इसलिए अब गर्मी से रोज सुबह खाली पेट पका नारियल शक्कर के साथ खाना चाहिए| इससे पित्त संतुलित रहता है और बुद्धि, बाल और मेंदू को पोषण मिलता है| नारियल का तेल बालो के लिए अच्छा है | रोज रात सोते वक्त नारियल के तेल से तलवो को मालिश करनी चाहिए| इससे गर्मी मे होने वाली आखो की जलन कम होती है|

2 . कान

आयुर्वेद के नुसार कान ये आकाश तत्व का अवयव माना है| इसलिए आकाश के गुण शब्द हमे कान से सुनाई देते है| लेकिन ध्वनि प्रदूषण टी.वी, मोबाइल इनसे कानो मे वात बढता है, और हमे विविध कान की बीमारिया हो सकती है|

इसके लिए आयुर्वेद ने नारियल के तेल से “कर्णपूरन” करने को कहा है |

इससे कानो मे वात संतुलित रहता है और कानो का आरोग्य अच्छा रहता है|

कर्णपूरन याने हफ्ते मे एक दिन कानो मे नारियल के तेल के ४-४ बूंद डालकर १० मिनट लेट जाइए| और १० मिनट के बाद रुई से कानो को अच्छेसे साफ कीजिये| अगर कानो मे तेल रह गया तो फंगस हो सकता है|

आज हमने जाना की नारियल से सिर और कान को कैसे फायदा होता है| अगले ब्लॉग मे हम नारियल पेट के लिए कैसे गुणकारी रहेगा ये जानेंगे|

तब तक नारियल खाओ और निरोगी रहो |

Stay Healthy Stay Blessed.

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Immunity Booster for October: Coconut (Home Remedy No. 06) BLOG – 42 https://aayuttam.com/blog/immunity-booster-for-october-coconut-home-remedy-no-06-blog-42/ Fri, 05 Apr 2024 08:30:40 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=3513 In our previous Health Mantra blog (No. 08), we discussed the importance of “Hritucharya,” which refers to seasonal adjustments in diet and routine for maintaining optimal health.

As we approach October, we enter the “Sharad Hritu” season in Ayurveda. To align with this seasonal change, it is recommended to incorporate certain dietary and lifestyle modifications. One such recommendation is to start consuming coconut from “Narali Pournima” onwards.

Therefore, our Home Remedy No. 06 for October is:

Immunity Booster of October : Coconut

Coconut holds a significant place in Hindu religious practices and rituals, often referred to as “shriphal” or the divine fruit. While we will explore the religious and philosophical aspects of coconut in future blogs, today, on the occasion of “World Coconut Day” (September 2nd), we will focus on its health benefits.

According to Ayurvedic philosophy, the universe is composed of five elements: Earth, Water, Fire, Space, and Air.

Coconut grows in the “Aakash mahabhut” (sky element). Therefore, coconut oil has the color of the sky, which is white. On the other hand, other oil seeds such as sesame and til grow in the “Pruthvi Mahabhut” (earth element). Hence, they have the color of the earth, which is yellow.

Isn’t nature fascinating?

Since coconut grows in the Aakash Mahabhut, it contains more constituents of the sky element. As a result, it works better on body parts that have more constituents of the sky element.

According to Ayurveda, these body parts are the head, ears, intestines, and bladder. Let’s now understand the health benefits of coconut for each of these body parts.

1. HEAD –

Have you ever noticed the striking similarities between a coconut and our head? Both possess a covering of hair, and beneath this lies a hard shell, analogous to our skull. Remarkably, the interior of a coconut bears a resemblance to our brain, while the water within mirrors the cerebrospinal fluid (CSF) that surrounds and cushions our brain. Consequently, coconuts offer a range of health benefits that specifically target the organs of our head.

With the advent of October’s cooler temperatures, I would like to suggest incorporating fresh, ripe coconut into your morning routine. Consuming coconut with sugar on an empty stomach can help balance Pittah levels in the body and provide essential nourishment to the hair, brain, eyes, and ears. This practice is beneficial for maintaining healthy hair and eyesight.

Before going to bed, we should apply coconut oil to our feet and massage them to keep our eyes cool and protected from the October heat.

Secondly, according to Ayurveda, the ear is an “Aakash” Mahabhut dominant organ. Due to noise pollution from TV, mobile phones, vehicles, etc., VAAT increases in the ear, leading to various ear problems such as hearing impairment and tinnitus. To balance Vaat in the ear, Ayurveda recommends “KARNA POORAN” with coconut oil.

Karna Pooran –
The use of coconut oil as an ear treatment has gained traction, with individuals advocating for its instillation into the ear.

It is recommended to administer four drops of coconut oil into each ear once a week, followed by lying down for ten minutes. Upon rising, it is crucial to thoroughly clean both ears with cotton to prevent fungal infections caused by residual oil.

This blog highlights the health benefits of coconut for the head and ear, with a promise to explore its advantages for the intestine and bladder in a subsequent blog.

In the meantime, it is advisable to incorporate coconut into one’s diet to maintain optimal health.

Wishing you continued health and well-being.

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नींद नही आना | ( घरेलू नुस्का नं – ०५) Blog – 28 https://aayuttam.com/blog/%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%82%e0%a4%a6-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%98%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%82-%e0%a4%a8%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%be/ Mon, 18 Dec 2023 10:12:55 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=2970 आज का हमारा विषय है ….. नींद नही आना ….. आप पुछोगे इसमे कौनसी बडी बात हैं ?

१- २ दिन नींद नही आए तो कुछ इतना फरक नही पडता पर अगर उससे अधिक दिन हो जाए और नींद का ठाव – ठीकाना ना रहे तो परेशानी की बात हो जाती है |

रात को सब मस्त खराटे ले कर सो रहे होते है और आप चाहकर कर भी …..कितनी भी कोशिश करलो …..चाहे बाम लगालों ,जप करलो …..पुस्तक पढ़ लो पर नींद नही आती |तब नींद का महत्व समझता है|

और तब एक बात समझती है की नींद ऐसी चीज है जिसे जबरदस्ती नहीं लाया जा सकता |

नींद एक वरदान है |

लॉकडाउन  मे नींद न आना ये लक्षण काफी लोगो को परेशान कर रहा है |इसके अनेक कारण है जैसे –

  • शारीरिक कष्ट कम होना या बहुत ज्यादा होना | जैसे कामवाली बाई नहीं आ रही इसलिए अचानक शारीरिक कष्ट बढ़ गया |या फिर घर में एक जगह बैठकर ऑन लाइन काम करने से ….प्रवास नहीं है तो शारीरिक कष्ट एकदम कम हो गया |
  • मानसिक तान-तनाव – जैसे जॉब नहीं है या काम नहीं है इस बजह से टेन्शन ….अति बौधिक तान ….जैसे targets, online meetings etc.
  • अति स्क्रीनटाइम – ज्यादा Mobile , Loptop पे रहेने से उसके अति प्रकाश और विडिओ से मन चंचल रहेने लगा है |

इन सभी कारणो से ये बीमारी बढ़ रही है |

तो जानते है की निद्रादेवी को कैसे प्रसन्न करे ?

1) शारीरिक कष्ट का अभाव हो तो श्याम को कम से कम ४० मिनिट कसरत करे |

२) शारीरिक कष्ट ज्यादा हो तो – रात सोते वक्त सीर और पैरो को तैल से मालिश करो | इससे शरीर और मन की थकान दूर होकर नींद अच्छी आती है |

३) आयुर्वेद नुसार शरीर मे कफ बढ़ने से निद्रा आती है |तो रात सोते वक्त थोड़ा जायफल चूर्ण भैस के दुध मे डालकर उसका सेवन करे |

नींद लाने के लिए और कुछ ख़ास नुस्के –

१) खसखस खसखस बहुत ही हल्का होता है |ये निद्राजनक है याने नींद लाता है | रात के खाने मे अगर खसखस की खीर बनाकर खाएंगे तो नींद बहुत अच्छी आएगी |

2) हल्दी –रात के सभी पर्यायी नाम हल्दी को दिए है जैसे रजनी ,निशा …क्युंकी रात के समय होने वाली सभी बीमारियो पे बहुत अच्छा काम करती है | इसलिए रात सोते वक्त भैस के दुध मे हल्दी डालकर सेवन करोगे तो आप को बहुत अच्छी नींद आएगी |

इन सभी घरेलू नुस्को से निद्रादेवी प्रसन्न नहीं हुई तो आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह लेकर दवा लीजिये | क्युकी आयुर्वेदिक दवा की आदत नही लगती ।और आयुर्वेद के पंचकर्म मे “शिरोधारा ” नींद के लिए बहुत उपयुक्त है | इसमें औषधि तेल से सिद्ध की धारा माथे पे छोड़ी जाती है| इससे मन को शांति मिलती है और बहुत अच्छी नींद आती है |

ये सब नुस्के आपको जरुर नींद दिलायेंगी |तो खाओ ,पीओ और मस्त खराटे लेकर नींद का आनंद लो |

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Who will look after your health in old age ? (Home Remedy No.-4) Blog – 26 https://aayuttam.com/blog/who-will-look-after-your-health-in-old-age-home-remedy-no-4-blog-26/ Fri, 01 Dec 2023 11:59:06 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=2884 Ever wondered who is going  to look after you in your old age?
Children, property, money ? 

These all might be there or might not be. there?
But DISEASES are sure to accompany you in your old age.

As Ayurveda says that old age has predominance of VAAT diseases like arthritis, pain in joints, swelling of joints, constipation, loss of aapetite.

So THE REAL COMPANION of your old age is GARLIC.

As garlic has all the properties which will keep you away from all these Vaat diseases if consumed regularly and properly. 

Anything consumed wrongly is bad for health. Same is for garlic.

So garlic should never be eaten regularly in raw form. 

You should always make a chutney of of garlic and consume it in lunch and dinner.

So hope you start making garlic your companion.

Stay Healthy …Stay Blessed.

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AYURVEDIC HOME REMEDY FOR SLEEPLESSNESS / INSOMNIA ( Home Remedy No.- 5) Blog – 25 https://aayuttam.com/blog/ayurvedic-home-remedy-for-sleeplessness-insomnia-home-remedy-no-5-blog-25/ Fri, 24 Nov 2023 11:10:09 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=2840 You would wonder how could sleeplessness be a problem?

Well if you don’t get sleep for one two days then it’s okay….but if it extends beyond that then it’s a big problem. Imagine everybody at home is fast asleep in their beautiful dreams and you’re struggling… trying to bring sleep. You tried all the ways ….all the means…. reading books, applying lotions, meditating and no use …

Then you understand that …….Sleep is very important and

Sleep is indeed a BLESSING
as you can’t force sleep to come.

In lockdown many people are facing sleeplessness.There are many reasons to it …..few being

  1. More physical work or No work-

More physical work because no maids are, you have to do all your work by yourself.
No physical work in the sense …….you have to sit on one place….. there’s no traveling only work from home ,school from home.

2. Too much of mental tensions

Because no job /no work or too much of pressure on job because of meeting targets and fear of losing jobs.

3. Third and important is too much of SCREEN exposure

In lockdown, people are spending a lot of time on mobile laptop doing work or for entertainment
so because of too much of screen time the light and motion of videos your mind becomes too alert and too restless .

So all these reasons are causing sleeplessness.

How to fight this sleeplessness ?

  • First if no exertion then….. do at least 40 minutes exercise in the evenings.
  • If too much or over exertion….. then do head and feet massage at bedtime.
  • Third ayurveda says that if KAPHA DOSHA increases in the body then you get a good sleep.So you can drink milk …..as milk increases cough in the body….so drinking milk with a pinch of NUTMEG at bedtime induces sleep.

Special home remedies are

KHUSKHUS i.e. poppy seeds which are used in indian spices has very good sedative property so you can make KHEER or porridge of it and have it at night

Second is turmeric…….turmeric has all the names of a night i.e. its synonyms are given as synonyms of night like nisha ,rajni.….because it works wonders on diseases of night i.e. nocturnal diseases. So if you have sleeplessness then a pinch of TURMERIC in buffalo’s milk at bedtime works wonder

Panchakarna also works wonders in sleeplessness especially SHIRODHARA
In Shirodhara, medicated oil stream is poured on forehead so it calms your mind and gives you a very good night’s sleep

So hope you get good night’s sleep and sweet dreams with all these home remedies.
Eat well ….Sleep tight

Stay Healthy Stay Blessed

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सुंठ- बारिश की बीमारियों पे रामबाण उपाय (घरेलू नुस्का नं – 02 ) Blog. – 22 https://aayuttam.com/blog/%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%82%e0%a4%a0-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa/ Fri, 27 Oct 2023 14:02:19 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=2677 बारिश बढने लगती है तो उसके साथ बारिश से होने वाली बीमारिया भी बढने लगती है | विशेषतः पेट दर्द, सांधो में जकड़ाहट, दर्द, हाथ -पैर ठंडे पड़ना या फिर सर्दी |

इस ऋतु का नुक्सा है – सुंठ या फिर सुंठ पावडर|

  • अगर बारिश की वजह से पेट मे दर्द हो तो सुंठ की पावडर गुड मे मिलाकर उसकी गोलीया बनाकर खाने से पहले उसका सेवन किजिए|
  • सर्दी साइनस में जम गई हो तो सुंठ पावडर तवे पर लेकर उसका जो धुआ है  उसे नाक से अंदर खिचे|
  • बारिश की ठंडी की वज़ह से सांधो में जकड़ाहट हो या हाथ -पैर ठंडे पड रहे हो तो सांधोको और जहाँ ठंडापन है वहाँ रात सोते वक्त सुखा सुंठ पावडर मसले|

तो है न बहोत उपयुक्त – सुंठ|

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Stay Healthy…. Stay Blessed.

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Garlic a day keeps doctor away in rainy days ( Home Remedy No.- 01) Blog – 20 https://aayuttam.com/blog/garlic-a-day-keeps-doctor-away-in-rainy-days-home-remedy-no-01-blog-20/ Tue, 17 Oct 2023 06:57:30 +0000 https://aarogyamayurvedicclinic.com/?p=2529 Rains have started and so have the diseases of rains like cough, cold, loose motions , pain in abdomen, fever etc

So the Home Remedy for rainy season is – GARLIC

“Garlic a day keeps doctor away in rainy days”

As garlic has all anti- viral properties , it keeps us away from all diseases of rainy season.

Consume garlic chutney for lunch and dinner all through rainy season.

Itsn’t it easy and helpful.

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Till next friday….Stay Healthy….Stay Blessed

Home Remedies

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