Prajanan प्रजनन -हेल्दी प्रेगनेंसी, हेल्दी बेबी , हेल्थी मदरहूड के लिए पंचकर्म

Dr. Mansi Kirpekar

Dr. Mansi Kirpekar,

Ayurveda Consultant

Professional Qualifications:

Holds a degree of Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (B.A.M.S) from Aryangla College, the oldest Ayurvedic medical institution in India, located in Satara, Maharashtra.

Earned a Master of Arts in Sanskrit from Tilak Vidyapeeth in Poona.

Certified in Panchakarma Chikitsa by AYUSH.

Specializes in Panchabhautik Chikitsa, a distinct branch of Ayurveda.

Holds a certificate in Yoga from Yog Vidya Niketan, Santacruz.

Actively involved in the Panchabhautik Ayurveda Forum, participating as a delegate, organizing member, and speaker at numerous national and international conferences.

घरेलु नुस्को मे हम निरोगी रहेने के अलग अलग नुस्को की जानकारी देते है |

पिछ्ले नुस्का नं ६ मे हमने जाना की “चातुर्मास मे उपवास करने से हम निरोगी राते है “

इसलिए साल के सारे उपवास इन चार महीनों मे आ जाते जैसे – आषाढ़ी एकादशी,अंगारिका चतुर्थी , श्रावण सोमवारआदि |

पर अगर हमे उपवास करने का सही तरीका पता नही हो तो उपवास करके हम निरोगी होने की जगह ज्यादा बीमार पड़ते है ?

तो आज का शुक्रवार घरेलू नुस्का नं ७ है

  “उपवास कैसे करना चाहिए ?”

पहले जानते है “उपवास का मतलब क्या है ?

उप याने – अंदर….वास याने – रहना

उपवास याने अपने “अंदर वास करो

याने अपने अंदर जो शक्ति /आत्मा /भगवान उसके अंदर आत्मचिंतन करो |

इसलिए  ऐसे  माना जाता है, भगवान विष्णुजी इन चार महिने योगनिद्रा मे चले जाते है |

इससे शास्त्र को सूचित करना है कि इन चार महीनो मे आप भी आत्मचिंतन करो |

पुराने जमानो मे बारिश के मौसम मे बाहर के काम ज्यादा नहीं होते थे |

तो घर मे बैठकर ज्यादा आत्मचिंतन करो | परघर मे बैठकर लोगो ने भारी ज्यादा अन्न खालिया तो लोग बीमार पड़ेंगे और भारी अन्न खाया तो नींद ,आलस आता है ,आत्मचिंतन नही होता |

इसलिए शास्त्र ने धर्म के नुसार बताया है की उपवास करो |

तो अच्छे से आत्मचिंतन होने लगेगा |

तो उपवास का सही उददेश है मन की शांती या आत्मचिंतन |

पर ऐसा उपवास तो हम नही करते ——–हम भीड़ मे जल्दी जल्दी मे मंदिर जाकर दर्शन करके आ जाते है —– ना मंदिर मे आत्मचिंतन करते है न घर मे नामस्मरण ——-सही मायने मे “मन शांती”के लिए उपवास करना चाहिए ?

उपवास के दिन ज्यादा से ज्यादा आत्मचिंतन मे बिताना चाहिए इससे मन शांत और निरोगी होता है शरीर भी शांत और निरोगी रहता है ?

तो अगले विडिओ मे हम जानेंगे शरीर निरोगी रखने के लिए उपवास कैसे करना चाहिए ?

तब तक के लिए —— उपवास करो और निरोगी रहो |

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