आयुर्वेद के अनुसार वर्षाऋतु मे वात बढता है और वात के साथ बढ़ते है सब तरह के दर्द जैसे घुटनो मे दर्द ,बदन मे दर्द , पेट मे दर्द
तो वर्षाऋतु का दर्द नाशक है – तैल
- सांधो में दर्द के साथ सुजन हो तो – उष्ण, गरम गुण वाले तैल अपनाए जैसे महाविश्वगर्भ तैल , सरसों का तैल|
- अगर सांधो में चलते वक्त और काम करते वक्त दर्द हो और उसके साथ कमजोरी हो तो ताकत देने वाले तैल अपनाए
- जैसे चंदनबला लाक्षादी तैल, महानारायन तैल
- रात सोते वक्त एक या दो बूंद तैल नाभि मे डालकर , हल्के से मसाज करके सोए |
इन सबसे शरीर और सांधो का वात कम होता है |
आयुर्वेद ने वर्षा ऋतु मे आहार मे तैल का सेवन लाभदायक बताया है | तो अगर आपको ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रोल या मोटापा ऐसे बीमारियां नही हो तो इस ऋतु मे तली हुई चीज खाना लाभदायक होता है | इससे वात काम होता है|
वैसे भी हमे बारिश मे तली हुई चीजे खाने की इच्छा होती है जैसे वडा पाव या फिर भजिया |
तो कैसे लगा हमारा आज का नुक्सा ?
ऐसे ही और नुक्सो के लिए हमारे साथ बने रहिए…Aarogyam Ayurvedic Clinic पर तब तक के लिए
Stay Healthy…. Stay Blessed