नमस्कार
पिछले ब्लॉग मे हमने पंचकर्म, उसके प्रकार वमन और विरेचन कर्म इनके बारे में अधिक जानकारी ली थी | इस ब्लॉग मे हम बस्ती कर्म के बारे मे जानकारी लेंगे |
लोगों को बस्ती कर्म याने पेट साफ करने वाली दवा इतना ही पता होता है| पेट साफ हो गया और अच्छा लगने लगता है।
कया बस्ती कर्म का इतना ही उपयोग है ? – नही | बस्ती चिकित्सा के पीछे एक बहुत महत्वपूर्ण विचार/ शास्त्र है।
आयुर्वेद में बस्ती चिकित्सा को “आधी चिकित्सा” कहा जाता है।
मतलब रुग्ण को हम सिर्फ बस्ती चिकित्सा देकर 50% ठीक कर सकते हैं | और बाकी के 50% गुण के लिए बाकी सब पंचकर्म, दवाई, जीवनशैली में बदलाव और व्यायाम की जरूरत पड़ती है। याने रुग्ण को 50% गुण सिर्फ बस्ती चिकित्सा से ही मिल जाता है।
आयुर्वेदने इसलिए बस्ती चिकित्सा को बहुत महत्वपूर्ण माना है। तो उसके पीछे का शास्त्र भी बहुत महत्वपूर्ण होगा।
चलो इस ब्लॉग में हम जानते हैं कि बस्ती कर्म के पीछे क्या शास्त्रीय विचार है?
उससे पहले हमें अपने शरीर के पचनमार्ग के बारे में थोड़ी जानकारी होना आवश्यक है।
हम जो अन्न खाते है उसपर पचन संस्कार मुंह में शुरू हो जाता है| फिर अन्न जैसे नीचे नीचे जाता है वैसे पेट, जठर, अग्न्याशय याने (stomach, liver, Pancrease) से पाचक स्त्राव उसमे मिलते है। फिर वह अन्न नीचे छोटे और बड़े आंतडो में जाता है| छोटे और बड़े आंतडोमे उस अन्न से पोषक अंशको खून में शोष लिया जाता है।
मतलब इधर एक बात पर गौर किजिए कि जो पोषक अंश खून में शोष लिया जाता है वह आतडो से होता है। और जब यह पोषक अंश खून में शोष लिया जाता है उसके बाद वह पूरे शरीर में जाकर शरीर का पोषन होता है और हमारे शरीर को ताकत मिलती है। इसी तत्व का फायदा बस्ती चिकित्सामें उन जमाने में ऋषियों ने किया।
कैसे?
दवा को ३ घंटे के पचन मार्ग से जानेकी आवश्यकता नहीं होती। इसलिए उन विद्वान ऋषियों ने बस्ती चिकित्साकी निर्मिती की ।बस्ती चिकित्सा द्वारा दवाईयां सिधा आंतडो में जाती है और मिनटोमें आंतडो से रक्त मे शोषण होती है और अपना काम शुरू कर देती है।
मतलब उन दिनो मे बस्ती चिकित्सा यह इमरजेंसी सर्विस याने अत्यायिक चिकित्सा होती थी।
उन ऋषियों और उनकी विद्वता को सलाम।
आप आश्चर्यचकित हो गए ना जानकर कि बस्ती चिकित्सा कितनी महत्वपूर्ण है और उसके पीछे इतना गहन शास्त्र है |
आयुर्वेद ऐसे अनेक सिद्धांतो से परिपूर्ण है क्युकि आयुर्वेद यह एक शास्त्र है। इसलिए उसके सिद्धांत समझ न आए तो आयुर्वेद के बारे में नाम रखने से पहले उस शास्त्र का अभ्यास करना चाहिए|
क्युकि आयुर्वेद के सिद्धांत सिद्ध करके अंत हुए हैं, याने यह तत्व सिद्ध हुए है और उसके आगे सिद्ध करने जैसा कुछ नही है। इसलिए आयुर्वेद के सिद्धांत इतने सालो बाद आज भी सच है | इसलिए अपने शास्त्र प्रति आदर रखो।
आयुर्वेद के सिद्धांत के बारे मे हम आनेवाले ब्लॉगस् मे लिखते रहेंगे|
अगले ब्लॉगमे हम बस्ती के प्रकार और बस्ती के बारे मे और अधिक जानकारी लेंगे|
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