अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर – नारियल भाग-१ इस ब्लॉग मे हमने जाना की नारियल आकाश मे उत्पन्न होता है| इसलिए उसमे आकाश तत्व की अधिकता होती है । और इसी कारन नारियल शरीर के आकाशतत्व वाले अवयव जैसे सिर, कान, पेट इनपर अच्छा काम करता है|
पिछले ब्लॉग मे हमने जाना की नारियल सिर और कान पर कैसे गुणकारी है और आज के ब्लॉग मे हम जानेंगे की नारियल ये पेट के लिए कैसे गुणकारी है|
नारियल सफ़ेद रंग का पानियुक्त और फाइबरयुक्त होता है| इसलिए वह शरीर मे पित्त और पानी के अंश को संतुलित रखता है |
इसलिए अक्तूबर मे नारियल का ३ तरह से सेवन करना चाहिए |
- अख्खा नारियल
- नारियल का पानी
- नारियल का दूध
1. अख्खा नारियल –अक्खे नारियल को पीसकर हर रोज खाने मे इस्तमाल करना चाहिए| क्यूकी नारियल मे फाइबर का प्रमाण अच्छे अंश मे होता है|पिसा हुआ नारियल हम खाने मे इस्तमाल करेंगे तो हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड आदि (cholesterol, Triglyceride) नही बढेगे|
लेकिन नारियल का तेल निकाल कर उस तेल को हम आहार मे सेवन करेंगे तो वह शरीर में खून मे जमने लगेगा और फिर हमे कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड(Cholesterol, Triglyceride) ऐसी अलग अलग बीमारीयां होने लगती है|
इसलिए अक्तूबर के गर्मी मे हमे खाने मे रोज पिसे हुए नारियल का सेवन करना चाहिए| इससे पचन अच्छा रहता है ,पेट साफ रहता है और कोलेस्ट्रॉल भी नही बढता|
2 . नारियल का पानी – अक्तूबर मे गर्मी और पसीने की वजह से शरीर मे पानी का अंश कम / असंतुलित हो जाता है|इसलिए हमे सिरदर्द, जुलाब, पिशाब मे जलन ,माइग्रेन जैसी बीमारियां होने लगती है| यह बीमारियां न हो या फिर यह बीमारिया होने पर आयुर्वेद मे बताया है की पके हुए नारियल के पानी का सेवन करना चाहिए|
आयुर्वेद के अनुसार कौनसा भी कच्चा फल नही खाना चाहिए|
इसलिए कच्चा नारियल जिसको हम शहाळ बोलते है उसका पानी हजम करने के लिए बहुत भारी होता है|इसलिए आयुर्वेद के नुसार शहाळ याने कच्चे नारियल का पानी नही पीना चाहिए|
पके हुए नारियल मे इलेक्ट्रोलाइट बहुत अच्छी मात्रा मे होते है| इसलिए अगर हम पके हुए नारियल के पानी का सेवन करते है तो गर्मी मे शरीर का पानी और इलेक्ट्रोलाइट संतुलित रहता है और हम बीमार नही पड़ते |
3. नारियल का दूध – नारियल का दूध शीत और पित्तशामक होता है| इसलिए हर रोज के अलग अलग खाने के रेसेपी मे नारियल के दूध का करी, सोलकढी ऐसे विविध तरीके से इस्तमाल करना चाहिए |
इस तरह अक्तूबर की गर्मी से बचने के लिए नारियल का हमे विविध तरह से उपयोग करना चाहिए|
- रोज सुबह खाली पेट नारियल, किशमिश और शक्कर खानी चाहिए|
- नारियल का दूध नारियल का दूध और नारियल के पानी का सेवन करना चाहिए |और वैसे भी गणपती मे बताया ही है की मोदक खाओ क्यूंकि वह भी नारियल से बनते है ।
इस प्रकार से अक्टूबर का इम्युनिटी बूस्टर नारियल रोज खाओ और निरोगी रहो|
Stay Healthy Stay Blessed